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हक और सच शायरी

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हक और सच शायरी : – दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए जीवन की कुछ हक और सच शायरी लेकर आए है, जो कि आपके दोस्त पर हक को बढ़ाने में मदद करेगी। यह हक और सच शायरी महान लोगों ने अपने अनुभव के आधार पर बताई है।

हक और सच शायरी

जो आपको कुछ हक़ की लड़ाई शायरी में आपको देखने को मिलेगा, जोकि हमने आज आपके लिए लिखा है, और इतना प्यारा लेख हमने लिखा है कि, आपको कही जाने की कोई जरूरत ही नही है, उम्मीद करते है कि, ये लेख आपको जरूर पसंद आएगा। यहां पर बताई गई ज्ञान कि बातें आपके दिल को छू जाती है और इनका आपके जीवन में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। तो आइए पढ़ते है आज की इस पोस्ट में हक और सच शायरी हिंदी में के बारे में।

हक और सच शायरी

हक और सच शायरी

सच के हक़ में खड़ा हुआ जाए
जुर्म भी है, तो ये किया जाए
हर मुसाफ़िर को ये शऊर कहाँ
कब रुका जाए, कब चला जाए!
कुछ लोग होते है,
जो हक़ तो जताते है,
प्यार करते है बोलके,
बाद में धोका देके चले जाते है।
हक और सच शायरी

हक और सच शायरी

बदल गए कुछ लोग आहिस्ता आहिस्ता। 
अब तो अपना भी हक बनता है। । 
कुछ दिन तो मलाल उस का हक़ था
बिछड़ा तो ख़याल उस का हक़ था
हक और सच शायरी

हक और सच शायरी

बोलते क्यूं नहीं मिरे हक़ में
आबले पड़ गए ज़बान में क्या
मुझ को भी हक़ है ज़िंदगानी का
मैं भी किरदार हूं कहानी का
- ताहिर अज़ीम
हक और सच शायरी

हक और सच शायरी

ज़िंदा रहने का हक़ मिलेगा उसे
जिस में मरने का हौसला होगा
- सरफ़राज़ अबद
हक और सच शायरी

हक और सच शायरी

बेशक तुम्हें गुस्सा करने का हक है मुझ पर,
 पर नाराजगी में कहीं ये मत भूल जाना की
 हम बहुत प्यार करते हैं तुमसे। 
सारी गवाहियां तो मिरे हक़ में आ गईं
लेकिन मिरा बयान ही मेरे ख़िलाफ़ था
- नफ़स अम्बालवी
हक और सच शायरी

हक और सच शायरी

तुझे गुस्सा दिलाना भी एक साजिश है
तेरा रुठ कर मुझ पर यूँ हक जताना प्यार सा लगता है। 
हमारे हक़ में दुआ करेगा
वो इक न इक दिन वफ़ा करेगा
- नासिर राव
तुम्हारी फ़िक्र है मुझे शक नहीं
तुम्हे कोई और देखे ये किसी को हक़ नहीं। 
मिरे हक़ में कोई ऐसी दुआ कर
मैं ज़िंदा रह सकूँ तुझ को भुला कर
- सीमान नवेद
हक से अगर दो तो
नफरत भी कबूल हमें। 
हक़ वफ़ा के जो हम जताने लगे
आप कुछ कह के मुस्कुराने लगे
- अल्ताफ़ हुसैन हाली

हक और सच शायरी हिंदी में

हक और सच अकसर ये होता है कि, हम किसी से प्यार करते है, बड़ी शिद्दत से और वो हमें छोड जाता है, आधे रास्ते मे और हम कुछ नही कर पाते, क्योंकी वो उसका हक है, लेकिन सवाल तो ये है कि, अगर जाना होता है छोड़के हमे तो प्यार ही क्यों करते है लोग, और अगर प्यार करना है तो उसे निभाने की ताकत क्यो नही रखते है लोग।

खैरात में तो हम
तुम्हारी मोहब्बत भी न लें। 
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं
- कृष्ण बिहारी नूर

 

इश्क है तो शक कैसा। 

और नहीं है तो हक कैसा
मेरा हक़ है तुझ पे,
तुझसे सच्चा प्यार जो करता हु मै,
मेरे प्यार को कम मत समझना तुम,
मेरा प्यार सब्र करने की नसीहत देता है।
हक की लड़ाई तन्हा ही लड़नी होती है। 
सैलाब उमड़ता है जीत जाने के बाद। 
अपने प्यार पे हक़ जताना अच्छा है,
लेकिन हक़ हदसे ज्यादा न हो,
रिश्ते बड़े नाजुक होते है,
क्या पता कब टूट जाये।
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है। 
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू। 
तुम हमसे तो प्यार करती हो,
फिर हम पे हक़ क्यों नहीं जताती हो,
क्या दूर चले जायेंगे हम,
अगर तुम ये सोचती हो,
तो फिर तुम पक्का हमसे बेइंतेहा प्यार करती हो।
हक़ तो तुम्हे बोलने का है मुझे,
प्यार जो करती है तू मुझ पर,
बस छोड़ जाने का ख़याल,
दिल में मत लाना कभी।
मेरे हक़ में खुशियों की दुआ करते हो। 
तुम खुद मेरे क्यों नही हो जाते। । 

हक और सच शायरी 2 line

हक़ सभी को दिया है हमारे देश मे लेकिन बिन बताए कभी चले न जाना किसी को छोड़कर क्योंकि उनका भी हक़ बनता आप पर प्यार करते है वो भी आपको तो थोड़ा समझदारी से फैसले लिया करो, क्योकि अगला व्यक्ति कुछ भी कर सकता है, और रही प्यार की बात तो, किसी को हक़ नही है कि, अपने प्यार को ठुकरा के चले जाओ, वो चाहे बिन बताए हो या आपने बताने के बाद भी, क्योंकि प्यार किया है तो हक़ भी उनका आप पर इसीलिए हक और सच शायरी इन हिंदी हमने आज लिखी है, इसे पूरा पढ़े और अपने दोस्तों को भी भेजे ।

अगर प्यार करने का,
हक देते हो तुम मुझे,
तो तुम्हे तुम्हारी गलती,
बताने का हक़ भी दिया करो।
चलो आज मांग लो. हक़ से तुम हमे। 
देखते हैं हक़-ए-बन्दगी में कशिश​ कितनी है। 
कुछ बातें होती है,
जो तुम्हे बता नहीं सकते हम,
कुछ बातें दिल में छुपी है मैंने,
जिसपर सिर्फ मेरा हक़ है।
हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर। 
यूँ खफा होकर ना सताया कर। 
तुझे पाना है मुझे,
किसी भी हाल में,
क्युकी तुझपर सिर्फ,
मेरा हक़ है।
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ,
वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ। 
दिनभर मुझे रुलाते हो बस ये बता दो किस हक से,
तुम पत्थर दिल हो जाते हो बस ये बता दो किस हक से। 
ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ पढता है। 
 डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है
जरुरी नहीं हमें  डाँटने वाला हमसे नाराज  ही हो। 
क्यूँकी डाँटने का हक़ सिर्फ प्यार करने वाले को ही होता है।।  
तुम रुठ जाओ मुझसे,
हक है तुम्हारा
हम कैसे रुठे तुमसे,
रूह तक बसेरा है तुम्हरा। 
देख पगली‬  मैं तेरे ‪‎दिल‬ का। 
‎हक़दार‬ बनाना चाहता‬ हु ‎चौकीदार‬ नहीं। 
अभी तक समझ नहीं पाये तेरे इन फैसलो को ऐ खुदा। 
उसके हक़दार हम नहीं या  हमारी दुआओ में दम नहीं।।
छीनता हो हक तुम्हारा, जब कोई संसार में। 
आँख से आंसू नहीं, शोला निकलना चाहिए। 
तुझे हक़ है अपनी दुनिया में खुश रहने का
मेरा क्या? मेरी तो दुनिया ही तुम हो। 
तेरे एहसास की ख़ुशबू से ही तो है सारा वजूद मेरा
मेरी रग रग में तेरी मोहब्बत , मेरी हर सांस पे हक़ तेरा
भाई बोलने का हक़ मैंने सिर्फ दोस्तों को दिया है
वरना दुश्मन तो आज भी हमें बाप के नाम से पहचानते हैं
हर एक नज़र को गुनाह का हक़ है,
हर नूर को एक आह का हक़ है
हम भी एक दिल लेकर आये हे इस दुनिया में,
हमें भी ये गुनाह करने का हक़  है। 
दोस्तों आशा करता हूँ की ” हक और सच शायरी 2 लाइन ” यह भी पोस्ट पसंद आया होगा आप सभी को और आपने पढ़ा होगा “Haq or sach Shayariहक और सच शायरी 3 / 4 लाइन, के इस कलेक्शन को दोस्त अगर यह पोस्ट आपके दिल को छू लिया हो तो इसे जरूर से शेयर करे ताकि इस कलेक्शन को और भी दोस्त पढ़ सके. धन्यवाद आप सभी का आपने इस पोस्ट को अपना प्यार दिया.

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